Chaitra Navratri 2024: राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर इस शहर में देवी मां का मंदिर पिछले 400 साल तक बंद रहा था। जयपुर से 40 किलोमीटर दूर पर यह अदभुत काली माता का मंदिर है इस अद्भुत मंदिर की कुछ अनोखी कहानी है करीब 400 साल पहले इस काली माता के मंदिर में पूजा अर्चना हो गई थी तब से लेकर आज तक इस मंदिर में कभी भी पूजा अर्चना की गई नहीं है लेकिन आज चैत्र नवरात्रि के विशेष दिन में इस मंदिर में पूजा अर्चना हो गई है और बहुत कुछ अद्भुत कहानी हम इस लेख में देखने वाले हैं।
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काली माता मंदिर की अनोखी कहानी
काली माता का यह अद्भुत मंदिर जयपुर से 40 किलोमीटर दूर पर है इस अद्भुत मंदिर की बहुत सारी अनोखी कहानी भी है अरावली पहाड़ों के बीच में शेकड़ो साल पहले बसा हुआ यह काली मां का मंदिर आचार्यचकीत हैं। इस मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि जब मुग़ल आक्रांत इधर से गुजर रहें थे तब उन्होंने इस मंदिर का नुक्सान किया था इस मंदिर में स्थापित देवी मां की प्रतिमा को खंडित कर दिया था ऐसी बहुत सारी कहानियां इस मंदिर के बारे में कहीं जाती है।
Chaitra Navratri 2024 पर विशेष आयोजन
हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता यह है कि जो व्यक्ति मां दुर्गा की पूजा आराधना सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से करता है उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है! माता भगवती सभी की माता हैं!
चैत्र नवरात्रि पर देवी मां का विशेष आयोजन किया जाता है, शाम सुबह दोनों टाइम में आरती पूजा का आयोजन किया जाता है। जैसे-जैसे लोगों को यह पता चल रहा है की देवी मां के दरवाजे खुल गए हैं दर्शन के लिए तब से दूर-दूर से लोग आने लगे हैं दर्शन करने के लिए इसलिए जयपुर में बहुत ज्यादा भीड़ जमा हो रही है।
400 साल बाद मेला
जयपुर के इस काली माता मंदिर शेकड़ों साल भक्तो को दर्शन करने केलिए खुला हों गया तो, भक्त जनों बड़ी लागत से एक कटा होकर बड़ी भीड़ जमा किए जा रहे है। इसी द्वारण इस भव्य काली माता के मंदिर के सामने बड़ी संख्या में मेला लग गया है। दूर दूर से भक्त जनों देवी काली माता के मंदिर में पूजा अर्चना करने केलिए आ रहें हैं और मेला बहुत ज्यादा मात्रा में भिड़ हो रहीं हैं। भारत में नवरात्री रहो या कुछ उत्सव रहें इसी खुशी में मेला लगाया जाता हैं।
भारत देश के कोने कोने से लोग यह उत्सव के नजारे देखने केलिए राजस्थान के जयपुर में भिड़ जमा रहें हैं उत्सव की बात करें तो राजस्थान भारत देश में एक नंबर है। पूरे 400 साल बाद काली माता का मंदिर खुल गया है तो इस खुशी में पुरे जयपुर वालोने 400 साल बाद मेला लगाया है । इतने साल लगने वाला मेला दुनिया भर देखने लायक हो गया है।
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चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त
आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गए हैं। 09 अप्रैल को कलश स्थापना का सबसे अच्छा मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। यह मुहूर्त अभिजीत है। शुभ कार्यों और कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त को बहुत अच्छा माना गया है। इसके अलावा दूसरा मुहूर्त आज सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।
ब्रह्रा मुहूर्त- सुबह 04:31 से 05: 17 तक
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:57 से दोपहर 12: 48 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:30 से दोपहर 03: 21 तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:42 से शाम 07: 05 तक
अमृत काल: रात्रि 10:38 से रात्रि 12: 04 तक
निशिता काल: रात्रि 12:00 से 12: 45 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 07:32 से शाम 05: 06 तक
अमृत सिद्धि योग: सुबह 07:32 से शाम 05: 06 तक
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