Surya Grahan 2024: भारत में अप्रैल के महिने में यानि इस साल 2024 में होने वाला है। सोमवार 8 अप्रैल 2024 को रात 9 बजकर 12 मिनट से चालू होगा और 9 अप्रैल देर रात 2 बजकर 22 मिनिट तक रहेगा संपूर्ण सूर्य ग्रहण 05 घंटे 10 मिनिट तक रहेगा. इस सुर्य ग्रहण को लेकर बहुत सवाल है। भौतिक विज्ञान की दृष्टि से जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चाँद पृथ्वी की। कभी-कभी चाँद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है। फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर साया फैल जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह घटना सदा सर्वदा अमावस्या को ही होती है।
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भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक, मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में ही दृश्यमान होगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा.
सबसे लंबा सुर्य ग्रहण 54 साल बाद
सोमवार 8 अप्रैल को होने जानें वाला सूर्य ग्रहण यह इस साल का सबसे लंबा सुर्य ग्रहण होने वाला है। यह सुर्य ग्रहण भारत में नही दिखाई देगा लेकीन यह पूर्ण सुर्य ग्रहण पुरे 5 घंटे 10 मिनिट का सबसे लंबा इस साल सुर्य ग्रहण होने जा रहा हैं। पुरे 54 साल बाद यह घड़ी आ गई हैं. इसके पहिले 1970 में लंबा सुर्य ग्रहण हो गया था और अब हो ने जा रहा है अगले आने वाले साल यानि 2078 को और लंबा सुर्य ग्रहण होने वाला है
Surya Grahan 2024 होता है?
चंद्रमा, सूर्य की तुलना में पृथ्वी से 400 गुना अधिक निकट है, लेकिन चंद्रमा आकार में सूर्य से 400 गुना छोटा भी है. इसके चलते ही जब चंद्रमा एक सीधी रेखा के बिंदू के तौर पर सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है, तो यह सूर्य को ढक लेता है और हमें सूर्य ग्रहण दिखाई देता है.
सूर्य ग्रहण का क्या प्रभाव पड़ता है?
पूर्ण सूर्य ग्रहण उस समय होता है जब चन्द्रमा पृथ्वी के काफ़ी पास रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और चन्द्रमा पूरी तरह से पृ्थ्वी को अपने छाया क्षेत्र में ले ले फलस्वरूप सूर्य का प्रकाश पृ्थ्वी तक पहुँच नहीं पाता है और पृ्थ्वी पर अंधकार जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है तब पृथ्वी पर पूरा सूर्य दिखाई नहीं देता।
सूर्य ग्रहण कैसे काम करते हैं?
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित होता है और पृथ्वी पर छाया डालता है । नासा के अनुसार, सूर्य ग्रहण केवल अमावस्या चरण के दौरान होता है, आमतौर पर साल में लगभग दो बार, जब चंद्रमा खुद को इस तरह से संरेखित करता है कि वह सूर्य को ग्रहण कर लेता है।
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बच्चों के लिए ग्रहण क्या है?
एक ग्रहण. ऐसा तब होता है जब अंतरिक्ष में एक वस्तु दूसरी वस्तु को देखने से रोकती है । उदाहरण के लिए, सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। चंद्रमा कुछ समय के लिए सूर्य को अवरुद्ध कर देता है ताकि पृथ्वी पर लोग उसे देख न सकें। प्राचीन काल में सूर्य ग्रहण बहुत भय और आश्चर्य का कारण बनते थे।